04

4. Tell Us The Truth !

अगला दिन , सीटी हॉस्पिटल , दिल्ली ।

सिया और ईशान हॉस्पिटल के कॉरिडोर में बैठे थे । सुबह की हल्की धूप खिड़कियों से छनकर अंदर आ रही थी , लेकिन सिया का मन अभी भी भारी था । वैदेही जी की हालत में सुधार तो हुआ था , मगर सिया के दिमाग में आदित्य की बातें और वो टूटी हुई तस्वीर बार-बार घूम रही थी ।

वो समझ नहीं पा रही थी कि क्या सच है और क्या झूठ । आदित्य का वो चेहरा , उसकी आंखों में छुपी बेचैनी , और मॉम का गुस्सा ! सब कुछ एक पहेली बन चुका था ।

ईशान ने सिया के कंधे पर हाथ रखा और धीरे से बोला , “दी , आप ठीक हो ना ? सुबह से कुछ खाया भी नहीं आपने ।”

सिया ने एक हल्की सी मुस्कान दी , जो ज्यादा देर टिक नहीं पाई । “मैं ठीक हूं , ईशान । बस… मॉम को लेकर टेंशन हो रही है । और वो सब…” उसकी आवाज धीमी हो गई । वो आदित्य की बातों को फिर से याद करने लगी ।

“आदित्य जीजू ने कुछ बताया क्या ? मॉम बार-बार उनके बारे में ही तो…” ईशान ने अधूरी बात छोड़ी , जैसे उसे डर था कि सिया को बुरा लगेगा ।

सिया ने एक गहरी सांस ली और ईशान की तरफ देखा । “उसने कहा कि पापा के साथ वो उस रात कार में था । एक एक्सीडेंट हुआ था । पापा… पापा उसमें…” उसकी आंखें फिर से नम हो गईं । “मगर मॉम को लगता है कि आदित्य ने कुछ किया । वो उसे पापा का खूनी बोल रही हैं ।”

ईशान का चेहरा सख्त हो गया । “खूनी ? दी , ये तो बहुत बड़ी बात है । आदित्य जीजू ऐसा कर सकते हैं क्या ? I mean , वो तो हमेशा से हमारे साथ…” वो रुक गया , जैसे उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहे ।

“पता नहीं , ईशान ,” सिया ने धीरे से कहा । “मगर वो तस्वीर… वो खून… कुछ तो गलत है । आदित्य कुछ छुपा रहा है । I can feel it.”

तभी हॉस्पिटल के कॉरिडोर में तेज कदमों की आवाज आई । सिया और ईशान ने मुड़कर देखा तो आदित्य वहां खड़ा था । उसने एक ब्लैक जैकेट पहनी थी , और उसके चेहरे पर वही बेचैनी थी , जो सिया ने रात में देखी थी ।

उसने सिया की तरफ देखा और बोला , “Flower , तुम अभी तक यहीं हो ? I told you , तुम्हारी मॉम अब ठीक हैं । Go home , rest करो.”

सिया ने उसकी बात अनसुनी करते हुए कहा , “मैंने कहा था ना , मैं मॉम के पास रहूंगी । तुम क्यों बार-बार मुझे घर भेजने की बात कर रहे हो , आदित्य ?”

आदित्य ने एक गहरी सांस ली और अपने बालों में उंगलियां फिराईं । “Because I care , Flower. तुम थक रही हो , और ये सब stress तुम्हारे लिए अच्छा नहीं है ।”

“Care ?” सिया ने तीखे लहजे में कहा । “Agar तुम्हें इतना ही care है , तो सच क्यों नहीं बता रहे ? पापा के साथ उस रात क्या हुआ था ? और वो तस्वीर… वो खून… ये सब क्या है ?” उसकी आवाज में गुस्सा और बेचैनी दोनों थे ।

आदित्य ने एक पल के लिए अपनी आंखें बंद कीं , जैसे खुद को संभालने की कोशिश कर रहा हो । फिर वो सिया के पास आया और धीरे से बोला , “मैंने तुम्हें जो बताया , वो सच है , Flower. It was an accident. मैंने कोई खून नहीं किया । But…” वो रुक गया , जैसे कुछ कहने से डर रहा हो ।

“But what , आदित्य ?” सिया ने उसकी आंखों में देखते हुए पूछा । “क्या छुपा रहे हो तुम ?”

ईशान , जो अब तक चुपचाप सुन रहा था , अब बीच में बोल पड़ा । “जीजू , अगर आप कुछ छुपा रहे हैं , तो अभी बता दीजिए । दी सही कह रही है । मॉम बार-बार आपको blame कर रही हैं । There has to be something more.”

आदित्य ने ईशान की तरफ देखा , और उसकी भौंहें तन गईं । “ईशान , तुम बच्चे हो ।”

“बच्चा ?” ईशान ने गुस्से में कहा । “मैं बच्चा नहीं हूं , जीजू । मॉम की हालत ऐसी है , और आप अभी भी कुछ छुपा रहे हैं । Tell us the truth !”

आदित्य ने एक पल के लिए दोनों को देखा । उसकी आंखों में कुछ था , मगर वो अब भी कुछ कहने से कतरा रहा था । तभी हॉस्पिटल के रूम का दरवाजा खुला , और एक नर्स बाहर आई । “सिया , आपकी मॉम होश में हैं । आप उनसे मिल सकती हैं , but please , ज्यादा देर न रहें । उन्हें अभी rest की जरूरत है ।”

सिया ने तुरंत ईशान का हाथ पकड़ा और रूम की तरफ बढ़ गई । आदित्य भी उनके पीछे-पीछे गया , मगर सिया ने उसे रोकते हुए कहा , “नहीं , आदित्य । तुम बाहर रुको । I need to talk to Mom alone.”

आदित्य का चेहरा सख्त हो गया , मगर उसने कुछ नहीं कहा । वो बस कॉरिडोर में खड़ा रहा , दीवार से टेक लगाकर ।

सिया और ईशान ने धीरे से रूम में कदम रखा । वैदेही जी बेड पर लेटी थीं , उनकी आंखें खुली थीं , मगर चेहरा पीला पड़ चुका था । ईशान ने उनके पास जाकर उनका हाथ पकड़ा और धीरे से बोला , “मॉम , आप ठीक हैं ना ? Please ,मुझे डर लग रहा है ।”

वैदेही जी ने सिया की तरफ देखा और एक कमजोर सी मुस्कान दी । “मैं… मैं… मैं ठीक हूं ।” उनकी आवाज कांप रही थी ।

सिया ने भी उनके पास जाकर कहा , “मॉम , आप बस rest करो । हम यहीं है आपके साथ ।”

वैदेही जी ने ईशान की तरफ देखा और फिर सिया की आंखों में देखा । “वो आदित्य… वो बाहर है ना ?” कहते हुए उनकी आवाज में एक अजीब सा डर था ।

सिया ने सिर हिलाया । “हां , मॉम । वो बाहर है । But… मॉम , please मुझे सच बताएं । आप बार-बार आदित्य को क्यों blame कर रही हैं ? पापा के साथ क्या हुआ था ?”

वैदेही जी की आंखें एकदम से सख्त हो गईं । उन्होंने सिया का हाथ और जोर से पकड़ लिया । “वो… वो आदित्य… उसने तुम्हारे पापा को मारा , सिया । I know it. वो कहता है कि accident था , but… but मैं जानती हूं , उसने कुछ किया था ।”

सिया का दिल धक-धक करने लगा । “मॉम , please , आप clearly बताइए । आदित्य ने ऐसा क्या किया ? And वो तस्वीर… ये सब क्या है ?”

वैदेही जी ने एक गहरी सांस ली । उनकी आंखें नम हो चुकी थीं । “सिया , तुम्हारे पापा… वो आदित्य के साथ बिजनेस करते थे । But वो आदित्य… उसने कुछ गलत किया । Some deal… some money… तुम्हारे पापा को पता चल गया था कि आदित्य गलत काम कर रहा है । उन्होंने मुझे बताया था कि वो सब expose करने वाले हैं । और फिर… फिर उस रात… वो accident…”

सिया का चेहरा सफेद पड़ गया । “तो… तो आप कह रही हैं कि आदित्य ने पापा को जानबूझकर…” उसकी आवाज टूट गई ।

वैदेही जी ने सिर हिलाया । “हां , सिया । मैं जानती हूं , वो accident नहीं था । आदित्य ने सब plan किया था ।”

ईशान , जो अब तक चुप था , गुस्से से बोला , “मॉम , अगर ये सच है , तो हम पुलिस के पास क्यों नहीं गए ? Why are we still quiet ?”

वैदेही जी ने ईशान की तरफ देखा । “Because , ईशान… मेरे पास कोई proof नहीं है । आदित्य बहुत चालाक है । उसने सब कुछ cover किया है । और… और मैं नहीं चाहती थी कि तुम्हे कोई प्रॉब्लम हो ।”

सिया ने अपनी आंखें पोंछीं और बोली , “मॉम , अब हम involve हैं । I can’t let this go. अगर आदित्य ने वाकई में पापा को…” वो रुक गई , जैसे उसका गला रुंध गया हो ।

तभी रूम का दरवाजा खुला , और आदित्य अंदर आ गया । उसने वैदेही जी की बातें सुन ली थीं । उसका चेहरा गुस्से से लाल था । “Enough !” उसने चिल्लाते हुए कहा । “मैं कोई criminal नहीं हूं ! वैदेही जी , आप मुझे गलत समझ रही हैं । मैंने कोई murder नहीं किया !”

सिया ने उसे गुस्से से देखा । “तो फिर सच क्या है , आदित्य ? तुम बार-बार क्यों छुपा रहे हो ? और वो तस्वीर… वो खून… उसका क्या मतलब है ?”

आदित्य ने एक गहरी सांस ली और अपने सिर को दोनों हाथों से पकड़ लिया । “ठीक है , fine. तुम सच जानना चाहती हो ? तो सुनो । तुम्हारे पापा और मैं एक deal के लिए जा रहे थे । लेकिन वो deal… वो clean नहीं थी । तुम्हारे पापा को पता था , और उन्होंने मुझे warn किया था । लेकिन मैं… मैं नहीं रुका । मैंने सोचा I could handle it. लेकिन उस रात… वो लोग… वो लोग जो deal के पीछे थे , उन्होंने हमें target किया । वो accident नहीं था , Flower. वो एक attack था ।”

सिया और ईशान दोनों हैरान रह गए । सिया ने कांपते हुए पूछा , “Attack ? कौन लोग ? और तुमने हमें ये क्यों नहीं बताया ?”

आदित्य ने अपनी आंखें नीचे कर लीं । “Because I was scared , Flower । मैंने सोचा अगर मैंने तुम्हें बताया , तो वो लोग तुम दोनों को भी target करेंगे । और वो तस्वीर… वो खून… वो एक warning थी । उन लोगों ने मुझे धमकी दी थी । They wanted me to stay quiet ।”

वैदेही जी ने गुस्से से कहा , “तुम झूठ बोल रहे हो , आदित्य ! तुमने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी । तुमने मेरे husband को मारा है !”

आदित्य ने वैदेही जी की तरफ देखा । “मैं झूठ नहीं बोल रहा , वैदेही जी । मैं भी उस accident में almost मर गया था । लेकिन मैंने अपनी जान बचाई , और मैं अब भी regret करता हूं कि मैं आपके husband को नहीं बचा सका ।”

सिया का दिमाग अब पूरी तरह से उलझ चुका था । वो समझ नहीं पा रही थी कि किस पर भरोसा करे । आदित्य की बातें सुनने में सच लग रही थीं , मगर वैदेही जी का गुस्सा और दर्द भी सच था ।

“Flower ,” आदित्य ने सिया का हाथ पकड़ते हुए कहा , “मुझे माफ कर दो । मैं तुम्हें दर्द नहीं देना चाहता था । But अब सब clear है ।”

सिया ने उसका हाथ झटक दिया । “Safe ? तुम expect करते हो कि मैं अब तुम पर trust करूं ? After all this ? आदित्य , अगर तुम सच बोल रहे हो , तो police के पास चलो । सब कुछ clear करो ।”

आदित्य ने एक पल के लिए सिया को देखा , फिर वहां से चला गया । ये देख वैदेही जी बोली , “तुम्हारा पति खूनी है । He was murder.”

कुछ देर बाद , सिया और ईशान जब रूम से बाहर आए , तो आदित्य अभी भी वहां खड़ा था । उसने सिया की तरफ देखा और बोला , “Flower , चलो मेरे साथ । तुम्हें मेरी बात पर भरोसा नहीं है But I’ll prove it.” कहते हुए वो उसे अपनी बाहों में उठाकर वहां से तेज कदमों के साथ चला गया ।

To Be Continued…

Follow the Midnight Fairy 🖤 channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Vb5TfRa23n3ZYndFUH2a

Write a comment ...

Midnight Fairy

Show your support

Support Your Authyyy...

Write a comment ...

Midnight Fairy

"Midnight Fairy – turning fairytales into forbidden desires."