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1. Kiss / Just Say Yes Or No

Reunion.

दिल्ली , जिसे दिल वालों का शहर कहा जाता है , 9 साल पहले शुरू हुई कहानी जो बीच में ही अधूरी रह गई थी , वापस आज शुरू होने जा रही थी , या नया मोड़ ले रही थी , कुछ कहा नहीं जा सकता ।

मौसम की वजह से दिल्ली की रातें सर्द थीं , मगर हमेशा की तरह माहौल गर्म था । बैंक्विट हॉल के अंदर कॉलेज के सारे पुराने स्टूडेंट्स मौजूद थे । कुछ अपने दोस्तों के साथ बात कर रहे थे , कुछ हस रहे थे , तो कुछ गले मिलते हुए मस्ती कर रहे थे । मगर कोई था जो काउंटर पर बैठा हुआ , लगातार ड्रिंक करते हुए दरवाजे की ओर देख रहा था ।

वहीं , कॉर्नर में खड़ी एक लड़की , जो अकेले खड़ी होकर अपनी मोबाइल स्क्रीन को स्क्रॉल कर रही थी , शायद किसी के आने का इंतजार कर रही थी । उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि वह तो सिर्फ इस रियूनियन में अपनी फॉर्मेलिटी पूरी करने आई है ।

वक्त बीत रहा था , और उसके साथ ही उसका चेहरा जो अब तक एक्सप्रेशन लैस था , निराशा झलकने लगी थी । तभी , एक बुजुर्ग औरत , जिनके बाल हल्के सफेद हो चुके थे , सिंपल सी साड़ी पहने , आंखों पर नंबर वाला चश्मा लगाए हुए थीं , जैसे वक्त और बढ़ती उम्र के साथ उनकी आंखों में धुंधलापन आ गया हो ।

उन्होंने जैसे ही उस लड़की के कंधे पर हाथ रखा , लड़की एकदम से पीछे मुड़ी और उसके मुंह से अपने आप ही निकल गया , “ रश्मि मैम , आप ! आप कैसी हैं ? ”

लड़की के मुंह से सवाल सुनकर वह बुजुर्ग औरत , जो और कोई नहीं बल्कि रश्मि अग्रवाल थीं , जो कॉलेज टाइम की प्रोफेसर रह चुकी थीं , जवाब देते हुए बोलीं , “ मैं ठीक हूं और देख रही हूं कि मेरे स्टूडेंट्स बहुत आगे बढ़ चुके हैं , और तुम भी , साक्षी । मगर मेरी फेवरेट स्टूडेंट वह आज नहीं आई । वह तो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड है ना ? कहां है वह ? क्या वह रियूनियन पर नहीं आने वाली ? ”

रश्मि मैम के सवाल पर , वह लड़की जिसका नाम साक्षी था , हल्की मुस्कान के साथ सर झुकाते हुए बोली , “ कॉलेज खत्म होने के बाद हमारा आपस में कोई कांटेक्ट नहीं रहा , तो मुझे… ”

वह अपनी बात बोल ही रही थी कि उसकी नजर दरवाजे पर गई , जहां वह बार-बार अपनी नजर घुमा कर देख रही थी । उस तरफ देखते ही , उसके चेहरे पर जो हल्की निराशा नजर रही थी , वह मुस्कुराहट में बदल गई ।

वह आगे कुछ बोल ही नहीं बोल पाई । वहीं , रश्मि मैम , जिनका ध्यान साक्षी पर ही था , उसके चेहरे की मुस्कुराहट को देखकर , वह भी दरवाजे की ओर देखने लगीं । वहां एक लड़की खड़ी थी , जिसने सिंपल सी पार्टी वियर ड्रेस पहनी हुई थी और हल्के कदमों से , बिना हिल्स की टिक-टिक किए , अंदर आ रही थी ।

दरवाजे से आते हुए उसकी नजरें इधर-उधर घूम रही थीं , जैसे वह किसी को ढूंढ रही हो । तभी उसके कानों में एक आवाज पड़ी , “ काशी , मैं यहां हूं । ”

यह नाम सुनते ही सबका ध्यान दरवाजे की तरफ खींच गया , जहां से वह लड़की अभी बैंक्विट हॉल के अंदर आ रही थी । उसे देखते ही वहां खड़े सारे लड़के-लड़कियों का ध्यान उसकी ओर खींच गया , क्योंकि उसकी खूबसूरती , पहले की तरह इस बार भी , सबका सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बन चुकी थी ।

वहीं , काशी के कानों में जैसे ही यह जानी-पहचानी आवाज पड़ी , उसकी नजरें अपने आप उस तरफ ठहर गईं , जहां साक्षी और रश्मि मैम खड़े थे । उन दोनों को देखकर उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई और वह बढ़ते कदमों के साथ उन दोनों के पास चली गई ।

काशी , मुस्कुराते हुए , रश्मि मैम और अपनी बेस्ट फ्रेंड साक्षी के साथ बातें करने लगी । वहीं , उसके आते ही जैसे वहां का पूरा माहौल बदल चुका था । लेकिन किसी की नजरों की तपिश थी , जो उसी पर टिकी हुई थी , मगर इससे बेखबर , वह मुस्कुराते हुए बातें कर रही थी ।

कुछ वक्त ऐसे ही बीत गया । सभी ने अपना-अपना डिनर कर लिया था और सारे स्टूडेंट्स एक साथ खड़े थे । तभी उनमें से एक लड़की बोली , “ सुनने में आया है कि काशी , तुम शादी करने वाली हो ? वैसे मुझे लगा था कि तुम हमारे कॉलेज की टॉपर रह चुकी हो , तो शायद तुम अपने करियर पर फोकस करोगी । वैसे , तुम आजकल कर क्या रही हो ? ”

उस लड़की के मुंह से इतने सारे सवाल सुनकर , काशी जो अपनी कुर्सी पर बैठी हुई थी , हल्की सी मुस्कान के साथ बोली , “ मैं एक रिपोर्टर हूं और मुझे अपना करियर बेहद प्यारा है । साथ ही अब मैंने फाइनली अपनी लाइफ में आगे बढ़ने का डिसीजन ले लिया है । ”

काशी का जवाब सुनकर , अक्षत , जो कॉलेज टाइम से ही काशी को पसंद करता था , उसकी तरफ देखते हुए फ्लर्टी अंदाज़ में बोला , “ वैसे तुम्हें कौन पसंद आया है ? ज़रा उसके बारे में हमें भी तो बताओ । आखिर हम भी तो जानें , तुम्हारी चॉइस कैसी है ? ”

अक्षत की यह बात सुनकर , काशी के चेहरे के एक्सप्रेशन बिल्कुल भी नहीं बदले , मगर जो हल्की सी मुस्कान उसके होठों पर थी , वह बरकरार रही ।

वह कुछ बोलती , उससे पहले ही अक्षत के ग्रुप की एक लड़की ने उसके कंधे पर हाथ मारते हुए कहा , “ तुम भूल क्यों जाते हो हर बार , कि काशी की पसंद वेदांत मलकानी था । वह वेदांत मलकानी , जिस पर पूरे कॉलेज की लड़कियां मरती थीं , और अब तो उसकी एक झलक देखने को तरसती हैं । आखिरकार , वह इतना बड़ा सुपरस्टार जो बन चुका है ! ”

उस लड़की की बात सुनकर , वहां का माहौल एकदम शांत हो गया । काशी , जो अब तक सबसे पोलाइटली और नरमी से बात कर रही थी , उसका चेहरा अब सख्त हो गया । कोई कुछ भी नहीं बोल रहा था ।

उसी वक्त , उस सन्नाटे को चीरते हुए , सबके कानों में एक आवाज पड़ी , “ मैं हूं यहां पर । ”

इस आवाज को सुनकर , सबने उस तरफ देखा , जिस तरफ से यह आवाज आई थी । सबकी नजरें बार काउंटर पर जैसे जम गईं । बिना पलकें झपकाए , एक टक सारे लड़के और लड़कियां उसी तरफ देख रहे थे । मगर काशी , उसके चेहरे पर नाममात्र भी कोई इमोशन नहीं थे ।

वहीं , बार काउंटर पर बैठा हुआ लड़का , बड़ी अदा के साथ अपने हाथों में ड्रिंक का ग्लास लिए , सबकी तरफ अपनी शार्प नजरों से देख रहा था । मगर जैसे ही उसकी नजर काशी पर गई , काशी ने अपना चेहरा फेर लिया और वहां से खड़ी हो गई ।

तभी वह लड़का उन सबके पास आने लगा । यह देखकर , एक लड़का अपनी जगह से खड़े होते हुए उसके पास चला गया । वेदांत ने एक नज़र उसके चेहरे की तरफ देखा और बिना कुछ कहे , उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया । यह देखकर उस लड़के के चेहरे पर मुस्कान आ गई और उसने भी वेदांत से हाथ मिला लिया ।

तब जाकर सबको जैसे यह एहसास हुआ कि शायद यह उनका सपना नहीं , हकीकत है । मगर जो माहौल अब तक हंसी-खुशी , मजाक-मस्ती का था , वह सीरियस बन चुका था । तभी वहाँ पर एक वेटर आया , जिसके हाथों में ड्रिंक की ट्रे थी ।

उस वेटर को देखकर वेदांत के पास खड़े लड़के ने कहा , “ एक पैग हमारे सुपरस्टार के नाम का तो बनता है ना ! आफ्टर ऑल , यही तो हमारे कॉलेज की शान था । ” कहते हुए उस लड़के ने एक ड्रिंक का गिलास ले लिया ।

उस लड़के की बात सुनकर अक्षत ने कहा , “ एडवोकेट नील खन्ना , आपकी फरमाइश है , माननी तो पड़ेगी ! ” कहते हुए उसने भी एक ड्रिंक का गिलास ट्रे में से उठा लिया ।

तभी काशी ने कहा , “ सॉरी बट आई कांट ड्रिंक । ”

काशी की बात सुनकर साक्षी ने उसे फोर्स करते हुए कहा , “ थोड़ी सी तो पीनी है , बस एक पैग । बस एक , हमारी दोस्ती के नाम । ” कहते हुए उसने बेचारा सा चेहरा बनाते हुए उसकी तरफ देखा ।

साक्षी के ज्यादा फोर्स करने पर काशी ने अपनी गर्दन हाँ में हिलाते हुए , सबके साथ ड्रिंक करने के लिए तैयार हो गई । एक के बाद एक , सब वेदांत की तारीफ में कुछ ना कुछ कहते हुए एक ही सिप में पूरा ड्रिंक का ग्लास खत्म कर रहे थे ।

कोई कह रहा था , “ यह पैग मेरी दोस्ती के नाम ,“ तो कोई कह रहा था , “ यह पैग सुपरस्टार वेदांत मलकानी के नाम , “ तो कोई बोल रहा था , “ यह मेरे कॉलेज की शान और लड़कियों की जान के नाम ।“

सब अपने कंप्लीमेंट्स देते हुए अपना ड्रिंक का गिलास खाली कर रहे थे । सबसे लास्ट में साक्षी और काशी की बारी थी । साक्षी ने अपना ग्लास आगे करते हुए कहा , “ यह ड्रिंक मेरे क्लासमेट के नाम , ” कहते हुए उसने एक ही सिप में पूरा ग्लास खत्म कर दिया और खाली गिलास के साथ रख दिया ।

अब सभी की नज़रें काशी पर ही टिकी हुई थीं । यहाँ तक कि साक्षी भी काशी को ही देखे जा रही थी । काशी को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले । तभी उसका फोन बजने लगा और उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई ।

उसके चेहरे की मुस्कुराहट देखकर सब एक-दूसरे की तरफ देखने लगे । कोई वेदांत को देख रहा था , तो कोई काशी को । सबके दिमाग में बस कंफ्यूजन ही चल रही थी । तभी काशी ने अपनी मोबाइल स्क्रीन पर फ्लैश हो रहे नाम को देखते हुए कहा , “ यह ड्रिंक मेरे होने वाले हस्बैंड के नाम , ” कहते हुए उसने एक ही सिप में पूरा ड्रिंक का ग्लास खत्म कर दिया और सारे ग्लास के साथ रख दिया ।

काशी के मुंह से यह सुनते ही सब फटी आंखों से उसे देखने लगे । तभी उसने अपनी नजरें नीची करते हुए कहा , “ वो बाहर मेरा इंतजार कर रहा है , फिर मिलेंगे , ” कहते हुए उसने सबकी तरफ हाथ हिलाया और वहां से चली गई ।

उसके जाते ही सब लोग नॉर्मल हो गए और फिर से अपनी-अपनी बातों में लग गए । अफकोर्स , पार्टी अभी खत्म नहीं हुई थी , पर जिसे-जिसे जाना था , वो पार्टी से चले गए थे ।

काशी जैसे ही बैंक्वेट हॉल से बाहर आई , एक कार पहले से उसका इंतजार कर रही थी । काशी उस कार तक पहुंच पाती , इससे पहले किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया और कमर से खींचकर एग्रेसिव होकर उसे किस करने लगा ।

काशी को अपने होंठों पर दर्द महसूस हो रहा था , मगर एक जाना-पहचाना सा एहसास महसूस करते हुए उसकी आंखे बंद हो गई , मगर उसने होश में आते हुए उस शख्स को खुद से डर करने के लिए धक्का दिया । वह कुछ कहती , इससे पहले कार से उतर कर एक शख्स गुस्से से बोला , “ तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी होने वाली बीवी को किस करने की ! ”

उस शख्स की गुस्से भरी आवाज सुनकर वह लड़का , जिसने काशी को किस किया था , और कोई नहीं बल्कि वेदांत था । वेदांत काशी के पास गया और उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने करीब खींचता हुआ बोला , “ तुम्हारी होने वाली बीवी ? मगर मेरी तो हो चुकी बीवी है । ”

वेदांत के मुंह से यह सुनते ही काशी के कदम अपनी जगह पर डगमगाने लगे । अगर वेदांत ने उसे कमर से पकड़ नहीं रखा होता , तो वह पक्का गिर जाती ।

तभी वह शख्स , जो वेदांत की बात सुनकर सुन्न पड़ चुका था , होश में आते हुए गुस्से से बोला , “ बकवास बंद करो अपनी ! ”

वह इतना ही बोल पाया था कि बोलते-बोलते उसकी नजर काशी पर पड़ी , जिसकी आंखें लाल हो चुकी थीं । देखने से ऐसा लग रहा था जैसे उसने मुश्किल से खुद को रोने से रोक रखा हो ।

काशी ने उसकी तरफ देखते हुए कहा , “ राघव… ”

वह अपनी बात आगे बोल पाती , इससे पहले उस शख्स , यानी राघव , ने सवालिया लहजे में कहा , “ क्या तुम सच में इसकी बीवी हो ? मुझे सिर्फ ‘ हां ’ या ‘ ना ’ में जवाब चाहिए । ”

काशी फिर से बोली , “ राघव , तुम जैसा समझ रहे हो वैसा बिलकुल… ”

राघव ने गुस्से से कहा , “ जस्ट से यस और नो ! ”

काशी ने अपनी नजरें झुकाते हुए कहा , “ यस , ” और इसी जवाब के साथ उसकी आंखों की नमी गालों पर लुढ़क चुकी थी ।

To Be Continued…

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